शिक्षक ध्यान सिंह रावत (साहित्यकार) / सुनील थपलियाल
उत्तरकाशी ।
रंवाई क्षेत्र में गायन की एक विधा है छोड़ा गीत जो अक्सर बड़े बुजुर्गों द्वारा गाये जाते है ,जिनमें जीवन मरण ,शादी विहा, मेला ,थौलु ,पर्यावरण, भ्र्ष्टाचार, सहित कई क्षेत्र का उल्लेख रहता है। छोड़ा गीत अब धीरे धीरे बिलुप्त की कगार पर आ रही है, नई पीढ़ी के लिए छोड़ा गीत महज इतिहास के पन्नो में सुनने को मिलेंगे । बुजुर्गों के द्वारा सुरीली आवाज में गया गया गायन अपने आप मे आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ मैसेज जरूर देगा ।
टीम यमुनोत्री Express