बड़कोट।
उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री पृथक जनपद की मांग जोर पकड़ने लगी है। बैठे 2 आमरण अनशनकारियों में से एक कि हालत बिगड़ने पर प्रशासन ने जबरन उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जबकि समर्थन में सरनोल गाँव के एक युवक ने भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया ,वही गाँव गाँव से ग्रामीण भी यमुनोत्री जिले को अस्तित्व में लाने के लिए क्रमिक अनशन पर बैठ रहे है इधर विकासखण्ड नौगाँव, पुरोला और मोरी से कल यानी 21 नवम्बर को यमुनाघाटी के ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों की महा पंचायत का ऐलान होने से पृथक जनपद की मांग को बड़ा बल व समर्थन मिला है ।
मालूम हो कि पृथक यमुनोत्री जनपद को अस्तिव में लाने को लेकर विगत 1 नवम्बर से आमरण अनशन चल रहा है। क्षेत्रीय लोग पृथक जनपद यमुनोत्री को अस्तित्व में लाने की मांग को लेकर आरपार की लड़ाई के मूड में आ गये है।
आमरण अनशन पर बैठे लोगो को ग्रामीण भारी संख्या में अपना समर्थन दे रहे है।आमरण अनशन पर बैठने वालो में नरेश राणा मसालगाँव,जबकि शुभम रावत्त पौंटी की हालत बिगड़ते ही प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती करवाया और क्रमिक अनशन पर चित्रमोहन राणा कुपड़ा, विजेंदर रावत भाटिया सहित आधा दर्जन लोग बैठे हुए है । इधर एक आमरण अनशन से उठाये जाने के बाद सरनोल गाँव के दलवीर सिंह उम्र 32 वर्ष ने देर शाम को आज से भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक जनपद अस्तित्व में नही आ जाता है आंदोलन जारी रहेगा।
पृथक चार जनपद संघर्ष समिति के अध्यक्ष अब्बल चन्द कुमाई ने कहा कि 2011 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तत्कालीन भाजपा सरकार के मुखिया डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत एवं डीडीहाट सहित चार नए जनपद बनाने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक भी ये जिले अस्तित्व में नहीं आ सके हैं। पूर्व में घोषित अलग जिलों को अस्तित्व में लाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। गाँव गाँव से जुलूस समर्थन में आ रहे है। उन्होंने सरकार से चारों जनपदों को अस्तित्व में लाने की मांग की है। इस मौके पर अब्बल चन्द कुमाई, विशाल मणि रतूडी, महिपाल सिंह असवाल, विजेंदर सिंह रावत, भरत सिंह चौहान, महावीर सिंह, रामानंद डबराल, डी डिमरी, सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
टीम यमुनोत्री Express