स्वरोजगार की अलख जगा रहे हैं युवा आलोक
राकेश रतूड़ी ।
जनपद उत्तरकाशी के पुरोला में वन पंचायतों के शुद्धिकरण सहभागिता हेतु एक प्रशिक्षण कार्यशाला टौंन्स वन प्रभाग में 6 सितम्बर से 25 सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है।जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना।जिस पिरूल से जंगलों में आग लग जाती है उसका उपयोग कैसे करना है आलोक सीखा रहे हैं।आलोक एक पढ़ा लिखा युवा है जिसने अपनी पढ़ाई करने के बाद आई०टी०कम्पनी में दस साल जॉब की।अच्छी सैलरी मिलती थी लेकिन कोरोना काल के कारण जोब को छोड़कर कर अपने घर वापस आ गई । आलोक के अन्दर एक नई सोच पैदा हो गई । जिस पिरूल से जंगलों में आग लग जाती है उसी से नए नए डिजायन महिलाओं से बनवाने शुरू किए।उनके साथ पिरूल, रिंगाल, से बनने वाले नये नये समान के मास्टर विनोद कुमार जो कि बड़कोट के रहने वाले हैं।दोनों मिलकर महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।महिलाओं को स्वरोजगार मिले ताकि वे घर पर रह कर ही पिरूल, रिंगाल, बांस से की तरह के सजावटी समान तैयार कर सके।पिरूल से बनने वाले सामान पैन स्टेंड, टोकरी, कंडी, टी कोस्टर, गुलदस्ता, आदि बनाये जा रहे हैं।वैसे ही रिंगाल ,बांस से भी कई तरह के सजावटी सामान जैसे लैंप सेड, सकेडी, गिल्ले, सुपे, टोकरी, मंदिर, डस्टबीन आदि hb तैयार किये जा रहे हैं। का कहना है कि बाजार में इन सामानों की बहुत ज्यादा खरीददार हैं जो महिलाएं सामान तैयार करेंगी उसे उसका मेहनताना मिल जाएगा। पुरोला में यह पहला प्रशिक्षण है जो पिरूल से विभिन्न प्रकार के सजावटी सामान तैयार होगा।आलोक की टीम में एक युवति बिगुला है जो टिहरी गढ़वाल से इस कार्य को बखूबी जानती वह भी इस कार्यक्रम में महिलाओं को स्वरोजगार के गुर सीखा रही है ।अभी यह प्रशिक्षण 15 दिवसीय टौंन्स वन विभाग के बैटमेंटन हाल में चल रहा है ।टौंन्स वन विभाग के वन प्रभागीय अधिकारी सुबोध काला ट्रेनिंग कर रही महिलाओं का सहयोग कर रहे हैं।
आलोक का कहना है कि पूरे जनपद में इसी तरह गाँव गाँव मे स्वरोजगार की ट्रेनिंग दी जायेगी ताकि लोग अपना रोजगार घर से ही सुरु करें।
टीम यमुनोत्री Express