राजनीतिक घटनाक्रम में विकास कार्य प्रभावित न हो – दीपक विजल्वाण
ब्रह्मखाल/ उत्तरकाशी (सुरेश चंद रमोला) – राजनीतिक घटनाक्रम कुछ भी पर उसकी आंच विकास कार्यों में नहीं आनी चाहिए। मेरे खिलाफ पिछले दिनों कुछ तथाकथित लोगों ने जो षड्यंत्र का कुचक्र रचा था उसका खुलासा भी अब सबके सामने है मगर वै लोग तो षड्यंत्र रचते रहे और मुझे मानसिक पीड़ा पहुंचाते रहे मगर आखिर सच्चाई की जीत हुई और षड्यंत्रकारियों को निरासा ही हाथ लगी। इतिहास गवाह है कि जब- जब राज नेताओं ने जनता की आवाज बने क्रांतिकारियों को दबाने की कोशिश की तब -तब वै और अधिक मजबूत हुये जो आज इतिहास बनकर हमारे समक्ष है। इसका एक उदाहरण श्रीदेव सुमन की गाथाओं से समझा जा सकता है। यह वक्तब्य अपने चिर परिचित लहजे मे जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्वाण ने ग्राम गेवला के एक कार्यक्रम में कहें। अपने ऊपर साजिश के तहत लगे आरोपों को आयुक्त और न्यायलय से मिली क्लीनचिट के बाद दीपक विजल्वाण ने एक बार पुनः अपनी भावी राजनीति को धार दे दी है। उनका विकास का रथ दोबारा से जनता के बीच पंहुचने लगा है। ग्राम गेंवला में युवाओं ने उनके लिए एक स्वागत कार्यक्रम रखा था जिसमें उन्होंने ग्राम प्रधान सोनिका रावत के आग्रह पर युवाओं को क्रिकेट किट व अन्य खेल सामग्री तथा टीसर्ट भी दी। इसके अलावा पितृ स्थान के सुधारीकरण के लिए पचास हजार की नगद धनराशि व मंदिर चारदीवारी निर्माण के लिए दो लाख रूपए की स्वीकृति भी दी। आलवैदर सड़क चौड़ीकरण को लेकर ग्रामीणों की कुछ सिकायते थी जिसके निराकरण के लिए विजल्वाण ने रानी कंन्स्ट्रक्सन कंपनी के पीएम रेड्डी को ग्रामीणों के बीच बुलाकर सभी सिकायतो के निराकरण के लिए पहल की और इसका आश्वासन भी कंपनी के द्वारा ग्रामीणों को दिया गया। इसके लिए ग्राम वासियों ने उनको धन्यवाद दिया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता निहाल सिंह रावत ने कहा कि सरकार के मंत्री ब्रह्मखाल में एक मिनट भी रूकने को तैयार नहीं होते क्योंकि उनके दिशा निर्देशक सत्ताधारी प्रतिनिधि हमारे क्षेत्र का विकास नहीं करवाना चाहते। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि सतेन्द्र कमाई पूर्व प्रधान महावीर सिंह रावत सामाजिक कार्यकर्ता राजेश रमोला ने भी क्षेत्र के विकास में और अधिक योगदान देने के लिए अध्यक्ष से आग्रह किया। कार्यक्रम में शैलेन्द्र रावत सुभाष रमोला सतेन्द्र रावत गिरीश सिंह श्रीपाल सिंह प्रीतम सिंह धीरज धनराज सागर रामेंद्र माधव आदि कई युवा और महिलाएं उपस्थित थीं।