सुनील थपलियाल उत्तरकाशी ।
उज्ज्वल भारत अभियान के तहत नर्वदा नदी के बाद अब यमुना नदी की परिक्रमा में एक संत निकले हुए है । यमुनोत्री धाम से प्रयाग राज तक जल एवं पर्यावरण बचाओ जन सन्देश जीवन पद यात्रा के माध्यम से नदियों की सुरक्षा और पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य से यू.पी. वृंदावन के स्वामी देव स्वरूपानंद शोहम यात्रा पर निकले हुए है । जो 1276 किमी पैदल चलकर लगभग दो माह में ये यात्रा पूरी करेंगे । उन्होंने देश मे हो रही बीमारी और मौतों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जब हम प्रकृति का साथ छोड़ देते हैं तब हमारे जीवन मे कष्ट प्रारम्भ हो जाते हैं।आज के वक्त में हर मनुष्य के जीवन मे कष्ट हैं।
और वह उपचार वहां खोज रहा है जहाँ नहीं है। वहां नहीं खोज रहा है जहाँ है। उन्होंने कहा कि देश मे लोग धरती की उर्वरता को भूल गए, जलाशयों को खत्म कर दिया, भूगर्भ जल का दोहन कर लिया, जैव विविधता को नष्ट कर दिया, जंगल काट लिए गये, तुलसी की जगह नागफनी लगा ली, खुली हवा में सोने की बजाए एक छोटे से कमरे में ऑल आउट लगाकर सोने लगे, चने और जौ का सत्तू खाना भूल गए, मटके का पानी पीना भूल गए, नंगे पांव चलना भूल गए, ढोलक की थाप पर ताली बजाना भूल गए, हंसना मुस्कुराना भूल गए, रिश्तों को निभाना भूल गए और अब बीमारी का, बेरोजगारी का, दुख का इलाज खोज रहे है।
प्रकृति की व्यवस्था के साथ जीना सीख लो मुश्किल स्वतः खत्म हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि उज्ज्वल भारत अभियान परिवार एक संगठन है इसके साथ सभी को जुड़ते हुए प्रकृति के सरक्षंण पर काम करने का आह्वान किया।
टीम यमुनोत्री Express