ब्यूरो
बड़कोट। अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट में वनाग्नि रूकने का नाम नही ले रही है , वन्यजीव खतरें में है तो स्थानीय ग्रामीणों की गौशालयें व बगीचें भी सुरक्षित नही है। धार मण्डल के ग्राम गौल में एक कास्तकार का बगीचा रविवार सांय को जलकर खाक हो गया ,ग्रामीणों व अग्नि शमन दल की मद्द से कास्तकार का दो मंजिला भवन ही बच पाया बाकी सेब , नास्पति , खुमानी व नीबू के लगभग 15 सौ पेड़ जलकर नष्ट हो गये । कास्तकार ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगायी है।
मालुम हो कि फायर सीजन होने के चलते अपर यमुना वन प्रभाग के जंगल धु धु कर जल रहे है , वनाग्नि इस कदर फैली हुई है कि यमुनाघाटी में धुआ ही धुआं नजर आ रहा है , आंखो में जलन तो दमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो गयी है। रविवार सांय को धारमण्डल के गौल क्षेत्र में जंगल की आग गाव के नजदीक दमक गयी जिससे गौल निवासी भगवती प्रसाद विजल्वाण का बगीचा जलकर नष्ट हो गया , बगीचें में आग पहुंचते ही आस पास के ग्रामीण एकत्र हो गये और वनाग्नि की सूचना को वन विभाग और अग्नि शमन दल बड़कोट को दी गयी जिसके बाद बगीचा तो नही बच पाया परन्तु कास्तकार का दो मंजिला भवन वनाग्नि से बचा लिया गया। कास्तकार भगवती प्रसाद ने सरकार से वनाग्नि से हुए नुकसान का मुआवज दिये जाने की मांग की है। उन्होने बताया कि बगीचें में 1500 से अधिक फलदार पेड़ थे जिन्होने फल देना भी शुरू किया हुआ था , कई साल से बगीचें को सवारने में जुटे हुए थे , आग की लपटों ने सारे बगीचे को अपने आगोष मेे ले लिया । कुछ नही बच पाया । अब सरकार मद्द करती है तो तभी कुछ स्वरोजगार का सोचा जायेगा। इधर प्रभागीयवनाधिकारी के.पी.वर्मा ने बताया कि वनाग्नि को काबू में पाने के लिए वन कर्मी लगे हुए है , आग के विकराल होने पर अग्नि शमन दल व एसडीआरएफ की मद्द भी ली जा रही है । गौल में हुई आगजनी की जांच करायी जा रही है । जो मद्द सम्भव होगी वह कास्तकार को की जायेगी। इधर उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने राजस्व उप निरीक्षक नगाणगांव को मौके पर पहुंचकर जांच के निर्देश दिये है और आगजनी की रिपोर्ट आने के बाद ही कास्तकार की मद्द पहुंचाये जाने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
टीम यमुनोत्री Express