बड़कोट।
केन्द्र सरकार की प्रधानमन्त्री आवास योजना ‘‘आवास हीनोें को आवास‘‘ देने की मंशा से शुरू की गयी थी परन्तु नगर पालिका प्रशासन द्वारा पी. एम.के ड्रीम प्रॉजेक्ट पर पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है ,2017 में पालिका की नजर में 30 परिवार योजना के लाभार्थी थे जिन्हे तत्काल आवास निर्माण के लिए पहली किस्त 20 हजार रू. खाते में भुगतान भी किये गए और दिसम्बर 2020 में 24 परिवारों को अपात्र घोषित कर दिया गया । अब घोषित अपात्र 24 परिवार दर दर भटककर न्याय की गुहार लगा रहे है।
मालुम हो कि केन्द्र सरकार की प्रधानमन्त्री आवास योजना के घटक बी.एल.सी. अन्तर्गत नगर पालिका ने 2017 में आवासहीन 30 परिवारों के आवेदन स्वीकृत करते हुए आवास निर्माण की पहली किस्त 20 हजार रू. खाते में भुगतान कर दिये थे और स्वीकृती होने व पहली किस्त मिलने पर कई परिवारों ने आवास निर्माण का कार्य आरम्भ कर दिया और जिन परिवारों ने आवास का कार्य आरम्भ नही किया तो अधिशासी अधिकारी द्वारा अगस्त 2019 में नोटिस बनाम जारी करते हुए तीन दिन के भीतर आवास निर्माण कार्य आरम्भ करने के निर्देश दिये थे साथ ही इसकी सूचना जिलाधिकारी उत्तरकाशी और उपजिलाधिकारी बड़कोट को सूचनार्थ की गयी । इसके बाद आनन फानन में उक्त परिवारों द्वारा आवास का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया। परन्तु 27 दिसम्बर 2020 को पालिका ई.ओ. द्वारा जांच कमेटी का हवाला देते हुए 24 लाभार्थीयों को अपात्र घोषित कर आवास निर्माण के लिए जारी 20 हजार की धनराशि को वापस जमा करने के निर्देश दिये गये । नगर वासी श्रीमती निर्मला देवी , श्रीमती कविता देवी , श्रीमती शर्मिला देवी , श्रीमती विनिता , मनीश , श्रीमती रीमा , शीषपाल और सुभाष चन्द का कहना है कि नगर पालिका द्वारा हम लोगों के साथ धोखा किया गया , 2017 में प्रधानमन्त्री आवास योजना के आवेदन स्वीकृत करते समय दस्तावेजों की जांच क्यों नही की गयी , पालिका प्रशासन द्वारा जब दस्तावेज देखे गये उस समय सभी 30 परिवार पात्र थे और उसी पात्रता के वेश पर पालिका द्वारा पहली किस्त खातों में जमा की गयी और जिन्होने आवास निर्माण कार्य शुरू नही किया था उन्हें अगस्त 2019 को नोटिस भी जारी किये गये । सभी ने आवास का कार्य आधा भी पुरा कर लिया और दिसम्बर 2020 में अपात्र घोषित कर पहली किस्त को वापस मांगा गया जो गरीब 24 परिवारों के साथ अन्याय है। उन्होने प्रधानमंत्री,मुख्यमन्त्री , जिलाधिकारी उत्तरकाशी और उपजिलाधिकारी बड़कोट को लिखे पत्र में प्रकरण की पुनः जांच कर न्याय की गुहार लगाई है।
टीम यमुनोत्री Express