साहिया(देहरादून)।सरदार महिपाल राजेंद्र जनजातीय पीजी कॉलेज, साहिया में इस शैक्षिक सत्र से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई की शुरुआत की गई है। चेयरमैन अनिल सिंह तोमर ने बताया कि यह पहल जनजातीय क्षेत्र के छात्रों को सामाजिक कार्यों में सहभागिता के साथ-साथ नेतृत्व कौशल, जनजागरूकता अभियान, सेवाभाव और सामुदायिक उत्तरदायित्वों का अनुभव प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करते हुए समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय सेवा योजना, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। इसके माध्यम से छात्र न केवल अपने ज्ञान का व्यावहारिक उपयोग कर सकेंगे, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। यह योजना छात्रों को विभिन्न जनजागरूकता अभियानों में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे समाज की समस्याओं और विसंगतियों को समझते हुए उनके समाधान के लिए कार्य कर सकें।
प्राचार्य डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि इस योजना का आदर्श वाक्य “मुझे नहीं, बल्कि तुम” है, जो निःस्वार्थ सेवा की भावना को प्रोत्साहित करता है। एनएसएस का प्रतीक चिन्ह ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर के विशालकाय रथ के पहिये पर आधारित है, जो निरंतर विकास और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है। यह चिन्ह छात्रों को राष्ट्र और समाज की सेवा के प्रति प्रेरित करता है, जिसमें निरंतरता और बदलाव दोनों निहित हैं।
कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. शशिकला ने कहा कि इस योजना के तहत कॉलेज के छात्रों को न केवल सामुदायिक सेवा के प्रति जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें व्यावहारिक जीवन के लिए भी तैयार किया जाएगा। इस पहल से छात्रों में नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक दक्षता और जिम्मेदार नागरिक बनने के गुण विकसित होंगे।
सह-प्रभारी रिंकूदास भारती ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की यह इकाई न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे जनजातीय क्षेत्र के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। यह आपदा प्रबंधन, जनजागरण, सामाजिक सेवा और सामाजिक सद्भावना के साथ ही राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को भी पूरा करेगी।