बड़कोट।
बड़कोट से यमुनोत्री धाम तक डिपोजिटरी रिफंड सिस्टम (डीआरएस) का असर दिख नही रहा है और तीर्थ यात्री प्लास्टिक की खाली बोतल व चिप्स नमकीन पैकेट खुले मे छोड़ कर जा रहे है जिससे यमुना मे प्रदूषण हो रहा है। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश से यमुनोत्री धाम पहुंची साधवी भगवती सरस्वती ने भी जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक प्लास्टिक की बोतल और नमकीन व चिप्स के खाली पैकेट यमुना को प्रदूषित करने पर चिंता व्यक्त की है।
मालूम हो की बड़कोट दोबाटा से यमुनोत्री तक प्लास्टिक की बोतल , नमकीन, चिप्स आदि पर क्यूआर कोर्ड के तहत विक्रय करने की व्यवस्था है परन्तु अधिकत्तर जगह पर पानी,कोल्ड्रिंक बोतल, चिप्स, नमकीन पर क्यूआर कोर्ड नही लगे मिल रहे है। जो प्रदूषण करने मे सहभागी बन रहे है। उपजिलाधिकारी मुकेश रमोला ने उक्त मामले मे क्यूआर कोर्ड देख रही डिपोजिटरी रिफंड सिस्टम (डीआरएस) कम्पनी को इसमे गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही विक्रेताओं को क्यू आर कोर्ड के साथ पानी व कोल्डड्रीन्क् की बोतल बेचने की हिदायत दी है अगर बिना कोर्ड के पाए जाने पर चालानी कार्यवाही के निर्देश दिये है।
इधर जिला मुख्यालय मे जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में खाली प्लास्टिक बोतलो व पैकेजिंग को एकत्र करने के लिए शुरू किए गए डिपोजिटरी रिफंड सिस्टम (डीआरएस) की समीक्षा भी की। जिलाधिकारी ने इस परियोजना को संचालित करने वाले संगठन रिसाईकल के प्रतिनिधियों को हिदायत दी कि धामों व इससे लगे मार्गों पर पैकेजिंग बोतलों आदि पर क्यूआर कोड लगाकर बिक्री करने और वापसी पर निर्धारित धनराशि की वापसी की इस व्यवस्था को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित किया जाय। स्थानीय विक्रेताओं को खाली बोतलों के कलेक्शन प्वाइंट का काम देने का प्रयास भी किया जाय।
टीम यमुनोत्री Express