जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पड़ने वाले गांवों में पारिस्थितिक अनुकूल समग्र विकास की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए संबंधित विभागों को ठोस कार्रवाई करने की हिदायत देते हुए कहा है कि बुनियादी सुविधाओं के तेजी से विस्तार, आजीविका के अवसरों में वृद्धि तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के संभावनाशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है।
जिला मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में स्थित गांवों के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कार्यक्रमों एवं प्र्स्तावित योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि इको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना में केवल पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरणीय पहलुओं से संबंधित प्राविधान ही शामिल नहीं है, बल्कि इसमें स्थानीय समुदाय की आवश्यकताओं और विकास से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण प्राविधान किए गए हैं। जिसे देखते हुए जोन में शामिल गांवों के संतुलित विकास और ग्रामीणों की आय बढाने व स्थानीय स्तर पर रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने के लिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, ग्राम्य विकास आदि विभागों के स्तर पर ठोस कार्य किया जाना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क मार्गों के विस्तार व सुदृढीकरण के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। जिसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारी अपनी योजनाओं को पूरी प्रतिबद्धता और तत्परता से लागू करें। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर आधारित संयंत्रों आरैर उपकरणों की स्थापना के साथ ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के उपायों को लेकर भी योजनाएं प्रभावी गति से संचालित की जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा घाटी क्षेत्र में लाल धान की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए इस बार नई योजना शुरू की गई है इसके साथ ही लवेंडर, रोजमेरी जैसे फूलों की खेती को बढावा देने के शुरूआती परिणाम आशाजनक रहे हैं। सभी विभागों के स्तर पर इस तरह के अभिनव प्रयास किए जाने जरूरी हैं। आर्गेनिक एवं नेचुरल फार्मिंग के प्रोत्साहन, बागवानी विकास, स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता सुधार, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की सुविधा के लिए जो भी नई पहल की गई है उसे सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जायं। जिलाधिकारी ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत भी सीमांत के 8 गांवों को सभी योजनाओं से संतृप्त करने की योजना तैयार की गई है। सभी विभाग इसमें जुट जांय। जिलाधिकारी ने कहा कि सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए हर्षिल में उद्यान, कृषि एवं पशुपालन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। पर्यटन तथ अन्य विभागों के संबंधित भवनों के निर्माण में स्थानीय भवन निर्माण शैली को समाहित करने के प्रयास किए गए हैं।
बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेते हुए भागीरथी इको सेंसेटिव जोन की मॉनीटरिंग कमेटी की सदस्य मल्लिका भनोट ने कहा कि भागीरथी इको सेंसेटिव जोन के गठन में निहित सकारात्मक उद्देश्यों के अनुरूप सभी विभागों को जोन में स्थित गांवों के विकास एवं ग्रामीणों की बेहतरी के लिए अपनी योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन करना चाहिए। उन्होंने बागवानी, फूलों के उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, सौर ऊर्जा जैसे पर्यावरण अनुकूल क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। बैठक में समिति की सदस्य शांति परमार ने भी अपने अनुभवों को साझा करते हुए स्थानीय युवाओं को सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर जोर दिया।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. बी.डी. ढौंडियाल, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी. तिवारी, पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान, उरेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी रॉकी चौहान आदि ने भाग लिया।
एक अन्य बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली भागीरथी इको सेंसेटिव जोन की मॉनीटरिंग कमेटी आगामी बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावों और प्रकरणों पर विचार-विमर्श करते हुए कहा कि संबंधित विभाग जोन में पड़ने वाली विभागीय योजनाओं व परियोेजनाओं की स्वीकृति से संबंधित प्रस्तावों को पूर्ण तथ्यों के साथ प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में जानकार अधिकारी भाग लें ताकि योजनाओं की स्वीकृति से संबंधित सभी पहलुओं को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर प्रकरणों का अधिकाधिक निस्तारण कराया जा सके।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डी.पी.बलूनी, उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता लो.नि.वि. डी.एस.ह्यांकी, अधिशासी अभियंता ए.एस.उनियाल, उप निदेशक खनन जीडी प्रसाद आदि अधिकारियों ने भाग लिया तथा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी देहरादून तथा अन्य क्षेत्रों से जुड़े डाक विभाग, जल विद्युत निगम, सीमा सड़क संगठन आदि संगठनों के उच्चाधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।