यमुनोत्री express ब्यूरो
बड़कोट
हम सब स्वयं अपना निरीक्षण करने के बजाय दूसरों के निरीक्षण में ज्यादा रुचि और ध्यान रखते हैं। याद रखें दूसरों का मूल्यांकन करने वाला सदैव दुखी रहता है। यह बात उत्त्तरकाशी व टिहरी की सीमा में जौनपुर ब्लॉक व नैनबाग तहसील के ग्राम सभा बामण गाँव पट्टी इड्वालस्यु में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यासपीठ से प्रसिद्ध कथा वक्ता शिवप्रसाद नौटियाल ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत केवल कथा नहीं, मन को सुंदर और शुद्ध बनाने का सशक्त माध्यम है। यह ऐसा दर्पण है, जिसमें हमें अपनी कमियां भी दिखाई दे सकती हैं। हम कितने शुद्ध और निर्मल हैं, इसका आकलन करना है तो भागवत की शरण में जरूर बैठे। भागवत आत्म निरीक्षण करना सिखाती है। स्वच्छता बाहर की होती है और पवित्रता अंदर की। हम कितने स्वच्छ और कितने पवित्र हैं, इसका अंदाजा हमें भागवत के श्रवण से ही मिलेगा। राम और कृष्ण इस देश के आधार स्तंभ हैं। इनके बिना भारत भूमि की कल्पना करना भी संभव नहीं है
कथा के दौरान कृष्ण जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही कथा प्रसंग के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, समूचा कथा स्थल भजन पर नाच उठा। माखन-मिश्री और सूखे मेवों के साथ बच्चों के लिए गोली-चाकलेट, टॉफी की वर्षा के बीच कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया गया। जिसमें भगवान के बालस्वरूप की मनमोहक झांकी सजाई गई। जिसमें भगवान के दर्शन करने के साथ उपस्थित श्रोतागणों ने संगीत की धुन के साथ जमकर नाचे। कथा के पांचवें दिन श्रीमद भागवत कथा वाचक शिवप्रसाद जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया साथ ही गोवद्र्धन पूजा, छप्पन भोग प्रसाद का वर्णन किया गया। इस दौरान महाराज व्यास जी ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण होता है और मुक्ति मिलती है। उन्होने ने कहा कि मनुष्य जीवन विषय वस्तुओं को भोगने के लिए नही बना है लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति छोडक़र विषय वस्तुओ को भोगने मेें भी लगा हुआ है।इसके पूर्व भगवान की रासलीला में ‘गोकुल में देखो, वृंदावन में देखो मुरली बाजे रे,’ भजन पर महिलाओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिदिन गाँव गाँव से सैकडों की संख्या में भक्तगण पहुंच रहे हैं और धर्मलाभ अर्जित कर रहे हैं।
इस मौके पर आचार्य दीपक बधानी, पुरोहित दीपक नौटियाल, शैलेंद्र रतूड़ी,सुधीर गैरोला, रामस्वरुप थपलियाल, सुशील उनियाल राजेश पैन्यूली, विनोद बहुगुणा, कुशलानंद बधानी, राजेंद्र थपलियाल, रामप्रसाद थपलियाल, विपिन नौटियाल तिलक चंद नौटियाल, आयोजक शांति प्रसाद उनियाल, सुमारी उनियाल ,घनश्याम उनियाल लोकेंद्र उनियाल, गजेंद्र उनियाल ,सुरेश उनियाल , गिरीश उनियाल, सुनील उनियाल, अनिल उनियाल ,अनूप ,एडवोकेट सुमनलाल थपलियाल,डॉ श्यामलाल नौटियाल,पत्रकार दयाराम थपलियाल, सुनील थपलियाल सहित सैकड़ों श्रोतागण उपस्थित थे।