सुनील थपलियाल उत्त्तरकाशी।
दिव्यांग होना कोई अभिशाप नही ,कहते है कि उनके पास जुबां है लेकिन हमारी तरह बोल व सुन नही सकते। अगर वह विशेष योग्यता व काम के साथ जीवन साथी उनको बोलने व सुनने वाला सामान्य मिल जाय और ऊपर से साइन लैंग्वेज यानी सांकेतिक भाषा की अच्छीखासी पकड़ रखती हो तो फिर क्या कहने और ये हुआ है।
उत्त्तरकाशी के बड़कोट नन्दगाँव मे जहाँ मूक बधिर अभिषेक से नैनीताल की सामान्य युवती अनुग्रह त्यागी ने शादी कर समाज मे मिसाल पेश की है।
देहरादून में शादी होने के बाद बड़कोट नंद गाँव मे प्रतिभोज के समय एक ऐसा नजारा दिखा जिससे हर किसी की आंखों में खुशी के आंसू आ गये, सब लोग आश्चर्यचकित थे कि सामान्य लड़की ने मूक बधिर लड़के को अपना जीवन साथी चुना ।
दरअसल बड़कोट नन्द गाँव निवासी मूकबधिर अभिषेक सिंह विष्ट के पिता प्रमोद सिंह बिष्ट आसाम राईफल में सूबेदार पद से रिटायर हुए है माता ग्रहणी है। बेटी आभा विष्ट और बेटा अभिषेक सिंह विष्ट बाई बर्थ मूकबधिर है। जन्म के समय प्रमोद और उनकी पत्नी राजकुमारी की पहली बेटी वो भी बोल व सुन नही सकती थी ,बेटा हुआ वो भी मूक बधिर हुआ तो माँ बाप के लिए समाज के ताने बानो को सुनने के अलावा कुछ कर गुजरने की इच्छा जागृत हुई, दोनो बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से शहर शहर घूमे, दोनों दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ एनीमेशन डिप्लोमा का प्रशिक्षण करवाया।
मूकबधिर अभिषेक विष्ट और बेटी आभा विष्ट एनीमेशन का डिप्लोमा के बाद दोनों मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे है । अभिषेक की बड़ी बहन आभा की दिल्ली में शादी हो रखी है जिससे बेटी भी जन्मी है। बेटी छोटी होने के चलते आभा नंदगाँव प्रतिभोज में शामिल नही हो पाई।और अभिषेक से शादी करने वाली अनुग्रह के पिता विमल त्यागी और माता नीलिमा त्यागी भवाली नैनीताल में रहते है और अनुग्रह त्यागी पेशे से साईन लैंग्वेज की टीचर है । दोनो की मुलाकात 2018 में दिल्ली में सांकेतिक भाषा(साईन लैंग्वेज) सीखने के दौरान हुई थी।
दिव्यागों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की सबसे बड़ी मिशाल नंदगाँव बड़कोट में अभिषेक और श्रीमती अनुग्रह में देखने को मिली
अभिषेक की सारे बातें सांकेतिक भाषा मे रही जिसका इशारों में जबाब श्रीमती अनुग्रह ने दिए और उन्होंने भी समाज को आईना दिखाने का बेहतर कार्य किया। इस मौके पर विनोद विष्ट, महावीर बिष्ट, डॉ एलम भंडारी, संजय सजवाण, अनिल सिंह, शैलेन्द्र रतूड़ी सहित सभी परिजन और पूरा गांव इसके साक्षी बने।
टीम यमुनोत्री Express