सुरेश चंद रमोला
ब्रह्मखाल
देवभूमि उतराखंड विश्व मानचित्र पर एक विशेष स्थान रखता है। यहां पर ऋषि मुनियों ने तपस्या तो की ही थी साथ ही देवी देवताओं ने भी यहां की पावन धरा पर समय समय पर लोक कल्याण के लिए अवतार लिए। साक्षात गंगा यमुना केदारनाथ वद्रीनाथ जैसे प्रसिद्द धाम यहां विराजमान है। कल कल वहती पवीत्र नदियां और भारत का भाल कहे जाने वाली हिमालय की मनमोहक चोंटियां इस राज्य की सुंदरता को बढाती है। सिक्को का प्रसिद्द तीर्थ हेमकुण्ड साहिब और विश्व प्रख्यात योग स्थल ऋषिकेश व धर्मनगरी हरिद्वार मे हर दिन बडी संख्या मे लोग यहां पंहुचते है। ये वक्तब्य राजकीय महाविद्यालय ब्रहमखाल मे राज्य स्थापना महोत्सव के समापन अवसर पर राज्य चिन्हित आदोलनकारी स़घ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह भंडारी ने कार्यक्रम मे कहे। इस दौरान वक्ताओं ने राज्य स्थापना के लिए किये संघर्षों और आंदोलन पर विस्तार से जानकारी दी। वक्ताओ ने कहा कि राज्य के हर वर्ग और हर समुदाय के लोगो की भागेदारी ने उतरांचल राज्य निर्माण मे अपनी सहभागिता निभाई। मसूरी खटीमा और मुझफ्फरनगर के आंदोलन की चिंगारी से तत्कालीन राज्य व केन्द्र की सरकारों को आंदोलनकारियों ने हिला दिया और बडे संघर्षों के बाद उतरांचल भारत का सताइसवां राज्य घोषित हुआ। इस आंदोलन मे हमारे लोग शहीद भी हुये सैकडो आंदोलनकारियों को चोटे भी आई पर उनके वलिदान और संघर्षों को इतिहास के पन्नो मे स्वर्णिम अक्षरो से लिखा गया। इस दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी गई। छात्रों ने भी इस महोत्सव मे अफने विचार रखे और कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डा आर एस असवाल, पीटीए अध्यक्ष मनवीर भंडारी, कोषाध्यक्ष सुरेश रमोला, थानाध्यक्ष कमल कुमार ,चौकी प्रभारी शाहिल वशिष्ठ ,राइका के अध्यापक केन्द्र सिंह भंडारी ,ब्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश रमोला, महाविद्यालय के अध्यापक व अन्य कई लोग उपस्थित रहे। दूसरी ओर थानाध्यक्ष कमल कुमार और शाहिल वशिष्ठ ने ब्यापार मंडल टैक्सी यूनियन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कानून ब्यवस्था शांति ब्यवस्था और ट्रेफिक ब्यवस्था पर चर्चा की और जन समस्याओं को सुना।
टीम यमुनोत्री Express